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Banyan Tree (बरगद का पेड़)
बरगद का पेड़, जिसे वट वृक्ष भी कहा जाता है, भारत का एक विशाल और प्राचीन वृक्ष है। इसकी सबसे खास विशेषता इसकी शाखाओं से जड़ों का निकलना है जो धरती में प्रवेश कर नए तने बन जाते हैं। इस अनूठी प्रकृति के कारण, बरगद का पेड़ बहुत फैलता है और अक्सर एक विशाल छायादार क्षेत्र बनाता है। यह पेड़ धार्मिक महत्व रखता है और हिंदू धर्म में इसे पवित्र माना जाता है। बरगद की लंबी आयु और स्थायित्व के कारण
Peepal Tree (पीपल का पेड़)
पीपल का पेड़, जिसे अश्वत्थ भी कहते हैं, भारत में सर्वत्र पाया जाने वाला एक विशाल वृक्ष है। इसकी हृदय के आकार की पत्तियाँ इसे पहचानने में आसान बनाती हैं। धार्मिक दृष्टिकोण से पीपल का पेड़ अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसकी पूजा की जाती है। माना जाता है कि यह दिन-रात ऑक्सीजन छोड़ता है, जिसके कारण इसे जीवनदायी वृक्ष भी कहा जाता है। पीपल की छाया शीतल होती है और इसका धार्मिक महत्व इसे भारतीय संस्कृति में अहम स्थान दिलाता है।
Aanwala Tree (आंवला का पेड़ )
आंवला का पेड़ एक छोटे से मध्यम आकार का फलदार वृक्ष है। यह भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में बहुतायत से पाया जाता है। आंवला का फल अत्यंत पौष्टिक होता है और इसमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। आयुर्वेद में इसे अनेक रोगों के उपचार में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा,आंवला का धार्मिक महत्व भी है और इसे पूजा में भी शामिल किया जाता है।
Ashok Tree (अशोक का पेड़ )
अशोक का पेड़ एक सुंदर और औषधीय गुणों से भरपूर वृक्ष है। इसका वैज्ञानिक नाम सरका असोका है। भारत के कई हिस्सों में पाया जाने वाला यह पेड़ अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है। आयुर्वेद में अशोक के पत्तों, छाल और फूलों का व्यापक उपयोग होता है। यह महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। इसके अलावा, अशोक का धार्मिक महत्व भी है और इसे कई धर्मों में पवित्र माना जाता है।
Mango Tree (आम का पेड़ )
आम का पेड़ भारत का राष्ट्रीय फल होने के साथ-साथ एक महत्वपूर्ण फलदार वृक्ष है। इसकी ऊंचाई अक्सर 40-50 मीटर तक पहुंच जाती है। आम का पेड़ गर्म जलवायु में फलता-फूलता है और इसके मीठे और रसीले फल लोगों द्वारा बेहद पसंद किए जाते हैं। आर्थिक रूप से भी आम का पेड़ महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके फल, लकड़ी और अन्य उत्पादों से अच्छी आय प्राप्त होती है। इसके अलावा, आम के पेड़ की छाया गर्मियों में राहत प्रदान करती है।
Tamrind Tree (इमली का पेड़ )
इमली का पेड़ एक बड़ा, छायादार वृक्ष है जो भारत में व्यापक रूप से पाया जाता है। इसके फल, इमली, खट्टे-मीठे स्वाद के लिए जाने जाते हैं और भारतीय व्यंजनों का एक महत्वपूर्ण घटक हैं। इमली के पेड़ की लकड़ी मजबूत होती है और इसका उपयोग फर्नीचर बनाने में किया जाता है। इसके अलावा, इमली के पत्तों और बीजों के भी औषधीय गुण हैं। इस प्रकार, इमली का पेड़ आर्थिक और औषधीय महत्व के साथ-साथ भारतीय संस्कृति का भी एक अभिन्न हिस्सा है।
Banana Plant (केला)
केला एक महत्वपूर्ण फलदार पौधा है, हालांकि इसे तकनीकी रूप से पेड़ नहीं माना जाता। यह एक विशाल जड़ी-बूटी है। इसके बड़े, चौड़े पत्ते और भूमिगत तने इसे विशिष्ट बनाते हैं। केले के फल मीठे और पौष्टिक होते हैं, जो विश्वभर में पसंद किए जाते हैं। यह न केवल खाद्य स्रोत है बल्कि कई क्षेत्रों में आर्थिक महत्व भी रखता है। केले के पत्तों का उपयोग खाने के बर्तन, पूजा आदि में किया जाता है।
Shami Tree (शमी का पेड़)
शमी का पेड़ धार्मिक और औषधीय महत्व वाला एक वृक्ष है। इसे 'प्रियंगु' भी कहा जाता है। यह भारत के कई हिस्सों में पाया जाता है। शमी के पेड़ को हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया गया है और इसकी पूजा की जाती है। नवरात्रि के दौरान इसकी पूजा का विशेष महत्व है। इसके अलावा, आयुर्वेद में शमी के पत्तों, छाल और जड़ का उपयोग विभिन्न रोगों के उपचार में किया जाता है।
Neem Tree (नीम का पेड़)
नीम का पेड़ एक बहुउपयोगी वृक्ष है, जिसे 'भारतीय लिंब' भी कहा जाता है। इसकी पत्तियां, छाल, फल, बीज और जड़ सभी औषधीय गुणों से भरपूर हैं। आयुर्वेद में नीम को अत्यंत महत्व दिया गया है। यह विभिन्न प्रकार के त्वचा रोगों, दंत समस्याओं, पाचन संबंधी विकारों और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में उपयोगी है। इसके अलावा, नीम के पेड़ की लकड़ी कीट-रोधी होती है और इसका उपयोग फर्नीचर और कृषि उपकरण बनाने में किया जाता है।
Basil Plant (तुलसी का पौधा)
तुलसी का पौधा भारत में एक पवित्र और औषधीय महत्व वाला पौधा है। इसे 'पवित्र तुलसी' भी कहा जाता है। इसकी पत्तियाँ सुगंधित होती हैं और इनका उपयोग पूजा, आयुर्वेदिक दवाओं और रसोई में किया जाता है। तुलसी का पौधा कई प्रकार के रोगों में लाभकारी माना जाता है, विशेषकर सांस संबंधी समस्याओं और पाचन संबंधी विकारों में। धार्मिक दृष्टिकोण से तुलसी को माता का दर्जा दिया गया है और इसकी नियमित पूजा की जाती है।
Jamun Tree (जामुन का पेड़ )
जामुन का पेड़ एक मध्यम आकार का फलदार वृक्ष है जो भारत के कई क्षेत्रों में पाया जाता है। इसके मीठे और रसदार फल गर्मियों में लोगों को ताज़गी प्रदान करते हैं। जामुन के फल न केवल स्वादिष्ट होते हैं बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर हैं। इसके पत्तों और बीजों का भी उपयोग आयुर्वेद में किया जाता है। जामुन का पेड़ छायादार होने के कारण गर्मी से राहत प्रदान करता है और इसके फल आर्थिक महत्व भी रखते हैं।
Sandalwood Tree (चंदन का पेड़)
चंदन का पेड़ एक बहुमूल्य वृक्ष है, जिसकी लकड़ी और तेल अत्यंत कीमती होते हैं। इसकी सुगंधित लकड़ी का उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों, इत्र, सौंदर्य प्रसाधन और औषधियों में किया जाता है। चंदन का पेड़ धीरे-धीरे बढ़ता है और इसकी लकड़ी को परिपक्वता तक पहुंचने में कई वर्ष लगते हैं। भारत में कर्नाटक राज्य चंदन की खेती के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा, चंदन के पेड़ को धार्मिक महत्व भी है और इसकी पूजा की जाती है।
Bilv Patra Tree (बिल्व का पेड़)
बिल्व का पेड़, जिसे बेल का पेड़ भी कहते हैं, धार्मिक और औषधीय महत्व का एक वृक्ष है। इसके त्रिदलीय पत्ते इसे पहचानने में आसान बनाते हैं। हिंदू धर्म में बिल्व पत्र (बिल्व के पत्ते) का विशेष महत्व है और इसका उपयोग भगवान शिव की पूजा में किया जाता है। आयुर्वेद में बिल्व के फल, पत्ते और छाल का उपयोग पाचन संबंधी समस्याओं, बुखार और अन्य रोगों के उपचार में किया जाता है।
Aak Tree (आक का पेड़)
आक का पेड़, जिसे अर्क या मदार भी कहा जाता है, एक छोटा, कांटेदार वृक्ष है। यह भारत के विभिन्न क्षेत्रों में पाया जाता है। आयुर्वेद में इसके पत्तों,छाल, जड़ और दूधिये रस का व्यापक उपयोग होता है। हालांकि, आक के पौधे के कुछ हिस्से जहरीले भी होते हैं, इसलिए इसका सेवन सावधानीपूर्वक करना चाहिए। धार्मिक रूप से भी आक के पौधे का महत्व है और कुछ क्षेत्रों में इसकी पूजा की जाती है।
Tad Tree (ताड़ का पेड़ )
ताड़ का पेड़ एक लंबा और सदाबहार वृक्ष है, जो उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में बहुतायत से पाया जाता है। इसकी लंबी और पंख जैसी पत्तियाँ इसे पहचानने में आसान बनाती हैं। ताड़ के पेड़ के विभिन्न भागों का उपयोग किया जाता है। इसके फल, जिन्हें खजूर कहते हैं, मीठे और पौष्टिक होते हैं। ताड़ के पेड़ की लकड़ी का उपयोग निर्माण कार्य में होता है, जबकि इसके पत्तों से छप्पर, टोकरियाँ आदि बनाई जाती हैं। ताड़ के पेड़ का आर्थिक महत्व भी काफी है।
Khejari Tree (खेजड़ी का पेड़)
खेजड़ी का पेड़ भारत के रेगिस्तानी इलाकों, विशेषकर राजस्थान में एक जीवनदायी वृक्ष है। इसे 'रेगिस्तान का कल्पवृक्ष' भी कहा जाता है। इसकी पत्तियां, फूल और फल पशुओं के चारे के रूप में उपयोग किए जाते हैं। खेजड़ी की लकड़ी मजबूत होती है और इसका उपयोग ईंधन, कृषि औजारों और निर्माण कार्य में होता है। इसके अलावा, खेजड़ी की जड़ें मिट्टी को बांधकर रेगिस्तान का विस्तार रोकने में मदद करती हैं। यह पेड़ स्थानीय लोगों के लिए आर्थिक और पर्यावरणीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
Rohida Tree (रोहिड़ा)
रोहिड़ा, राजस्थान का राज्य पुष्प है, जो मुख्यतः रेगिस्तानी इलाकों में पाया जाता है। यह एक मध्यम आकार का पेड़ है, जिसकी लकड़ी मजबूत और टिकाऊ होती है। इसे 'मारवाड़ का सागवान' भी कहा जाता है। रोहिड़ा की लकड़ी से उच्च गुणवत्ता वाले फर्नीचर और निर्माण सामग्री तैयार की जाती है। इसके अलावा, रोहिड़ा के पेड़ की पत्तियां पशुओं के चारे के रूप में उपयोगी होती हैं। यह रेगिस्तानी क्षेत्रों में जैव विविधता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
Dhok Tree (ढोक का पेड़ )
ढोक का पेड़ भारत के शुष्क क्षेत्रों, विशेषकर राजस्थान में पाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण वृक्ष है। यह कठोर परिस्थितियों में भी जीवित रह सकता है। ढोक की लकड़ी मजबूत और टिकाऊ होती है, जिसका उपयोग कृषि औजारों, गाड़ियों के पुर्जों और ईंधन के रूप में किया जाता है। इसके अलावा, ढोक के पेड़ की छाल, पत्तियां और फल औषधीय गुणों से भरपूर हैं। यह पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, मिट्टी को बांधकर रेगिस्तान का विस्तार रोकने में मदद करता है।
Coconut Tree (नारियल का पेड़ )
नारियल का पेड़ एक लंबा, ताड़ के समान वृक्ष है जो समुद्र तटों के निकट उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। इसके लंबे तने से बड़े पंखेनुमा पत्ते निकलते हैं। नारियल का फल, जिसे नारियल कहते हैं, बहुउपयोगी है। इसके पानी, मांस और तेल का व्यापक उपयोग होता है। नारियल का पेड़ न केवल खाद्य स्रोत है बल्कि रोजमर्रा की आवश्यकताओं के लिए भी उपयोगी है। इसके पत्तों का उपयोग छप्पर, टोकरियाँ आदि बनाने में किया जाता है। ।